अंजान बनकर
क्रूरता की सारी हदें पार कर
दी और
जमाने को दिखाता है कि
वह बहुत महान है
यह मानकर चलता है कि
किसी की न आंख है
देखने के लिए
न कान है सुनने के लिए
न नाक है सूंघने के लिए
खामोश रहते हैं तो
समझता है कि
कुछ बोलते नहीं मतलब कि
कुछ समझते नहीं
किसी से कोई कुछ कहे या न कहे पर
समझते सब है
उलझे पड़े हैं
रिश्तों के धागे
जो समझदार हैं
उन्हें और उलझाते नहीं
सब कुछ जानकर और
अंजान बनकर ही
पार हो जाये
यह जीवन का भवसागर
ऐसे हिंसक लोगों के साथ
इसी में अपनी भलाई समझते हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001