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Shivkumar Bilagrami
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12 Feb 2022 · 1 min read
ہمدرد
ہمدرد کیسے کیسے ہمکو ستا رہے ہیں
کانٹوں کی نوک سے جو مرہم لگا رہے ہیں
Language:
Urdu
Tag:
غزل
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· 232 Views
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