~~¤ नारी का सच ¤~~
प्राचीन युग में-
नारी ‘ पूज्या ‘ थी ,
मध्य युग में-
‘ भोग्या ‘ बन गई ,
अब
आधुनिक युग में ?
घर के आंगन से निकलकर ,
अखबार के पन्नों की
शोभा बन गई ।
———–ईश्वर दयाल जायसवाल ;
संयोजक – अदबी विचार मंच ,
टांडा – अंबेडकर नगर ( उ.प्र. ) ।