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2 May 2024 · 1 min read

*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*

💔🌳 ग़ज़ल
••••••••••••••••••••••••••••••••••
आस टूट गयी और दिल बिखर गया।
शाख से गिर के कोई लम्हा गुज़र गया।

उसकी फरेबी मुस्कान देख कर लगा,
दिल में जैसे कोई खंजर उतर गया।

आईने में पथराया हुआ चेहरा देखा,
वो इतना कांपा फिर दिल डर गया।

वहां पहले से इत्र बू की भरमार थी,
गजरा लेकर जब उसके मैं घर गया।

दिल- ए- जज़्बात मेरे सारे ठर गये,
जब मौसम भी फेरबदल कर गया।

एक मंज़र देखा ऐसा कि परिंदें रो पड़े,
जहां एक शजर कट कर मर गया।

✒️सुधीर कुमार
सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब।

Language: Hindi
1 Like · 120 Views
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