Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2022 · 1 min read

💐 ग़ुरूर मिट जाएगा💐

डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक 💐💐 अरुण अतृप्त

💐 ग़ुरूर मिट जाएगा💐

बैठ कर देख फकीरों में
पल दो पल
पता चल जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा ।।

गरदन ऊंची किये फिरता है
अकड़ा अकड़ा
सारे जग में हे प्राणी
तन को माटी से रच लेना
मां धरती से मिल कर सोना

पता चल जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा ।।

मजदूरों के मन को पढ़ ना
चुप रह कर सब सहते रहना
फ़टी हुई पोशाक पहन कर
ऊंची ऊंची इमारत बनाना ।।

रूखी सूखी रोटियां खाकर
ऊपर ठंडा पानी पी कर
पत्थर का सरहाना जिसका
धरती ही हो बिछोना उसका

पता चल जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा ।।

रिक्शा चालक को देखा है
कितनी मेहनत वो करता है
सर्दी गर्मी बरखा में भी भैय्या
रुके नही चलता रहता है

एक बार ऐसे ही जीवन बिता ले
उसके जैसा रह कर दिखा दे

तौबा कर जाएगा तौबा कर जाएगा

पता चल जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा ।।

कभी किसानों को देखा है
जीवन उसका संतों जैसा है
दिन न देखें रात न देखें
पूरे जगत को अन्न देता है

तन पर जिसके वस्त्र नही है
पेट पीठ से चिपका रहता है
बैलों की जोड़ी को लेकर
खेत जोतता जो रहता है

दो दिन, बस दो दिन
तू भी खेत बहा ले
उसकी शैली, को अपना ले

सब समझ आएगा सब समझ जाएगा

पता चल जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा
ग़ुरूर मिट जाएगा ।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सीख बुद्ध से ज्ञान।
सीख बुद्ध से ज्ञान।
Buddha Prakash
इश्क़ का पिंजरा ( ग़ज़ल )
इश्क़ का पिंजरा ( ग़ज़ल )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
उससे दिल मत लगाना जिससे तुम्हारा दिल लगे
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-362💐
💐प्रेम कौतुक-362💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
सच तुम बहुत लगती हो अच्छी
सच तुम बहुत लगती हो अच्छी
gurudeenverma198
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
कया बताएं 'गालिब'
कया बताएं 'गालिब'
Aksharjeet Ingole
"बारिश की बूंदें" (Raindrops)
Sidhartha Mishra
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
Simmy Hasan
चाय (Tea)
चाय (Tea)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
उत्तराखंड की वादियां
उत्तराखंड की वादियां
Skanda Joshi
💝एक अबोध बालक💝
💝एक अबोध बालक💝
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बलिदानी सिपाही
बलिदानी सिपाही
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
नीरज…
नीरज…
Mahendra singh kiroula
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
साहस
साहस
श्री रमण 'श्रीपद्'
दो पल की जिन्दगी मिली ,
दो पल की जिन्दगी मिली ,
Nishant prakhar
ना चराग़ मयस्सर है ना फलक पे सितारे
ना चराग़ मयस्सर है ना फलक पे सितारे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा,हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】*
*हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा,हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】*
Ravi Prakash
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय- 5
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय- 5
Pravesh Shinde
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
लालची नेता बंटता समाज
लालची नेता बंटता समाज
विजय कुमार अग्रवाल
"उम्र जब अल्हड़ थी तब
*Author प्रणय प्रभात*
"मैं मोहब्बत हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...