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21 Aug 2024 · 1 min read

✍️ रागी के दोहे ✍️

✍️ रागी के दोहे ✍️

प्रेम पकरि ममता करे, प्रेम न जानत कोय।
प्रेम ममता बूझि लियो, हरि दर्शन चट होय।।

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