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29 Oct 2022 · 1 min read

✍️रूह की जुबानी

चलो इक फ़क़ीर के प्यार की वाणी बन जाये
कोई एक इश्क़ की सूफ़ियाना कहानी बन जाये

मैं कबीर के दोहे बनु तू मीरा के गीत बन जा…
आओ इँसानियत के रूह की जुबानी बन जाये
……………………………………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
29/10/2022

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 98 Views
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