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10 Aug 2022 · 1 min read

✍️एक लाश संवार होती✍️

✍️एक लाश संवार होती✍️
…………………………………………………………………//
एक सांस तबाह होती और दूसरी जान भर जाती
फिर जिंदगी उभर आती और ज़मी पे ठहर जाती

यही सिलसिला के कायनात की ज़ीनत गुलजार है
वरना हर लाश के कांदो पर एक लाश संवार होती
…………………………………………………………………//
©✍️’अशांत’शेखर✍️
10/08/2022

2 Likes · 10 Comments · 158 Views
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