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13 Aug 2022 · 1 min read

✍️अपनों के दाँव थे✍️

✍️अपनों के दाँव थे✍️
……………………………………………//
ख़्वाब तो मेरे आसमाँ से ऊँचे थे
मगर चुनोती भरे ओर भी पड़ाव थे

हम तो सीढियां चढ़ने ही लगे थे..
पर गिराने में अपनों के लगे दाँव थे
……………………………………………..//
©✍️’अशांत’शेखर✍️
13/08/2022

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 4 Comments · 97 Views
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