अपने में वो मस्त हैं ,दूसरों की परवाह नहीं ,मित्रता में रहक
#क्या_पता_मैं_शून्य_हो_जाऊं
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
कुछ ना पा सकोगे तुम इस झूठे अभिमान से,
मेरी घरवाली
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
हे ब्रह्माचारिणी जग की शक्ति
आप सिर्फ सफलता का मानसिकता रखे बस आप खुद को सफल चित्र में दे