Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2022 · 1 min read

■ हम धनुर्धर….

■ कोदंड प्रेमी
【प्रणय प्रभात】
एकलव्य, अर्जुन से नाता है।
शर-संधान हमे भी आता है।।
अस्त्रायुध दुनिया मे लाखों हों।
हमको बस कोदंड सुहाता है।।

Language: Hindi
1 Like · 39 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
नारी
नारी
डॉ प्रवीण ठाकुर
"दुर्भिक्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
जीवन के बुझे हुए चिराग़...!!!
Jyoti Khari
हमारी तुम्हारी मुलाकात
हमारी तुम्हारी मुलाकात
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
भरमाभुत
भरमाभुत
Vijay kannauje
💐प्रेम कौतुक-528💐
💐प्रेम कौतुक-528💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
★गैर★
★गैर★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मौन शब्द
मौन शब्द
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ऋतुराज बसंत
ऋतुराज बसंत
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
رَہے ہَمیشَہ اَجْنَبی
رَہے ہَمیشَہ اَجْنَبی
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
माय
माय
Acharya Rama Nand Mandal
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
आंधियां हैं तो शांत नीला आकाश भी है,
आंधियां हैं तो शांत नीला आकाश भी है,
Dr. Rajiv
" यह जिंदगी क्या क्या कारनामे करवा रही है
कवि दीपक बवेजा
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
किसी से बाते करना छोड़ देना यानि की त्याग देना, उसे ब्लॉक कर
Rj Anand Prajapati
हुस्न की देवी से
हुस्न की देवी से
Shekhar Chandra Mitra
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
Sonu sugandh
पवित्र मन
पवित्र मन
RAKESH RAKESH
ख़ुशामद
ख़ुशामद
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
Ram Krishan Rastogi
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
Pakhi Jain
"सत्यपाल मलिक"
*Author प्रणय प्रभात*
एक पते की बात
एक पते की बात
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बातें की बहुत की तुझसे,
बातें की बहुत की तुझसे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
मेरा लेख
मेरा लेख
Ankita Patel
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...