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21 Mar 2023 · 1 min read

■ लघुकथा…

■ दुरंगापन
【प्रणय प्रभात】
रजनी मैडम अपने सरकारी स्कूल से घर लौटीं। घर मे दाखिल होते ही एक कमरे में इकलौती बिटिया किंजल को सुबकते पाया। पूछने पर पता चला कि उसे क्लास में डाँट पड़ी है।
रजनी मैडम अब बुरी तरह से आग-बबूला थीं। गुस्से में लाल-पीली होती हुई वो बस यही सोच रही थी कि, काश, आज स्कूली बच्चों की ज़ोरदार धुनाई में हाथ न दुखाए होते, तो बेटी को डांटने वाली मैडम को ढंग से सबक़ सिखा कर आती अच्छे से। वो भी अभी की अभी। आखिर उसने ज़ुर्रत कैसे की, उसकी फूल सी बेटी को डांटने की।
इस समय वो यह भी भूल गई थी कि उसने आज कितने बच्चों को बेरहमी से धुना। गरीब बस्तियों के वो मासूम फूल नहीं, शायद धतूरा थे उसकी नज़र में। स्वाभाविक दुरंगेपन की वजह से।।
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
■ प्रणय प्रभात ■
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 93 Views
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