Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2023 · 1 min read

■ ग़ज़ल / मोल है साहब!!

■ ग़ज़ल / मोल है साहब!!
【प्रणय प्रभात】

★ सिर्फ़ साँसों का मोल है साहब!
जिस्म मिट्टी कि खोल है साहब!!

★ ये जो दुनिया है इक थिएटर है।
इसमें हम सबका रोल है साहब!!

★ हम सभी वक़्त के निशाने पर।
हाथ उस के गुलेल है साहब!!

★ भाँपता है वजन निगाहों से।
ये तजुरबे का तोल है साहब!!

★ गूँज आवाज़ की बताती है।
ढोल भीतर भी पोल है साहब!!

★ दिल में कुछ है दिमाग़ में कुछ है।
उसके लहज़े में झोल है साहब!!

【प्रणय प्रभात】

1 Like · 42 Views
You may also like:
अनजान लड़का
अनजान लड़का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
umesh mehra
आहिस्ता चल
आहिस्ता चल
Dr.Priya Soni Khare
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Teri gunehgar hu mai ,
Teri gunehgar hu mai ,
Sakshi Tripathi
■ मुक्तक।
■ मुक्तक।
*Author प्रणय प्रभात*
*खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)*
*खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पिता
पिता
Buddha Prakash
आज इस सूने हृदय में....
आज इस सूने हृदय में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
दिल  में हसरत  जगे तो दबाना नहीं।
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
तीजनबाई
तीजनबाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
'अशांत' शेखर
नाविक तू घबराता क्यों है
नाविक तू घबराता क्यों है
Satish Srijan
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
शायरी संग्रह
शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
डॉ प्रवीण ठाकुर
💐प्रेम कौतुक-449💐
💐प्रेम कौतुक-449💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"हरी सब्जी या सुखी सब्जी"
Dr Meenu Poonia
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा मुसाफिर
वज़ूद
वज़ूद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
इक अजीब सी उलझन है सीने में
इक अजीब सी उलझन है सीने में
करन मीना ''केसरा''
सोचा नहीं कभी
सोचा नहीं कभी
gurudeenverma198
मुस्कानों की परिभाषाएँ
मुस्कानों की परिभाषाएँ
Shyam Tiwari
Only a rich can afford the luxury of boredom. A poor is too
Only a rich can afford the luxury of boredom. A poor is too
Dr. Rajiv
Loading...