Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*Author प्रणय प्रभात*
30 Followers
Follow
Report Content
1 Mar 2023 · 1 min read
■ कटाक्ष
■ पूर्ण_स्वाधीनता
करे जाओ गुर्र गुर भों भों। कथित अभिव्यक्ति के नाम पर।।
【प्रणय प्रभात】
Language:
Hindi
Tag:
अभिव्यक्ति
,
कटाक्ष
,
राजनीति
,
हिंदुस्तान
Like
Share
1 Like
· 54 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like:
“ जीने का अंदाज़ “
DrLakshman Jha Parimal
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
💐अज्ञात के प्रति-58💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुस्कुराना चाहता हूं।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
Love is beyond all the limits .
Sakshi Tripathi
एक पत्रकार ( #हिन्दी_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मृत्यु के बाद भी मिर्ज़ा ग़ालिब लोकप्रिय हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आज की बात : सरकार और सिस्टम के साथ
*Author प्रणय प्रभात*
थोपा गया कर्तव्य बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
Seema Verma
हमारी तुम्हारी मुलाकात
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
कविता
Rambali Mishra
मज़दूरों का पलायन
Shekhar Chandra Mitra
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
Anand Kumar
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
Dr fauzia Naseem shad
मसला ये नहीं की उसने आज हमसे हिज्र माँगा,
Vishal babu (vishu)
शिखर पर पहुंचेगा तू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कारण कोई बतायेगा
Vijay kannauje
मेरा विषय साहित्य नहीं है
Ankita Patel
राष्ट्रभाषा
Prakash Chandra
चाँद
Dr. Rajiv
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
चिड़िया रानी
नन्दलाल सुथार "राही"
चाह और आह!
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
Yashmehra
Yash mehra
नारी उर को
Satish Srijan
2262.
Dr.Khedu Bharti
हां मुझे प्यार हुआ जाता है
Surinder blackpen
सेवा-भाव उदार था, विद्यालय का मूल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...