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21 Dec 2022 · 1 min read

■ कटाक्ष / दरवाज़ा

#कटाक्ष-
“खुशनसीब तो हो तुम कि तुम्हें
खुला मिल गया हमारे दिल का दरवाजा।
वर्ना इसमें ना तो कोई एण्ट्रियां
और ना ही बजें कोई घण्टियां।
ऐरा-गैरा-नत्थू-खैरा समझ रखा है क्या यार….?
#प्रणय_प्रभात

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