■ एक_स्तुति

■ देवाधिदेव महादेव के नाम : देश की ओर से
【प्रणय प्रभात】
हे प्रलयंकर, हे शिवशंकर
हे आशुतोष, औघड़दानी।
हे महारुद्र, हे महाकाल
हे महादेव, हे वरदानी।।
हे शूलपाणि, डमरुधारी
है नीलकंठ, हे विषपायी।
हे चंद्रमौलि, देवाधिदेव
नटराज, सदाशिव, वरदायी ।।
हे शक्तिमान, हे त्रिपुरारी
हे मदनविजेता, हे महेश.
हे गंगाधर, हे महाविकट
कैलाशनिवासी, व्योमकेश..
नंदीवाहन, पशुपतिधारक
हे भूतनाथ, हे संहारक.
गजवदन पिता, अम्बिकानाथ
है भस्मभूत, हे अमरनाथ।।
करबद्ध विनय करता अबोध
बस भाव सुमन स्वीकार करो।
अब नयन तीसरा खोल नाथ
सब दुष्टों का संहार करो।।
【जबलपुर दर्पण में भी आज प्रकाशित हुई है यह कविता】