Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2023 · 1 min read

■ एक प्रेरणा…

#लघुकथा
■ नया घोंसला….!
【प्रणय प्रभात】
यह लगभग दिन भर का ही काम था उस चिड़िया का। कभी तिनका तो कभी कपड़े की चिंदी चोंच में दबा कर लाना। उनसे घर के बाहरी बरामदे के एक सुरक्षित से कोने में एक सुंदर से घोंसले का रूप देना। देखते ही बनता था उसका परिश्रम और आशियाना, जो बन चुका था।
फिर एक दिन वो हुआ, जिसकी कल्पना तक नहीं थी। छत के रास्ते बरामदे में घुसे एक उपद्रवी बन्दर ने घोंसला तहस-नहस कर दिया। बेबस चिड़िया देर तक उस कोने के इर्द-गिर्द बेचैनी से मंडराती दिखाई दी। इस घटनाक्रम ने रात भर सोने नहीं दिया हमें। कर्मयोगिनी चिड़िया की लगन और आपदा रूपी बन्दर की करतूत सारी रात व्यग्र करती रही। लगा कि अगली सुबह कुछ और बुरा लेकर आएगी। मगर हुआ वो जो आशा के विपरीत था।
अगली सुबह वही चिड़िया चोंच में घास-फूस दबाए अपने काम में जुटी नज़र आई। अब बरामदे के दूसरे कोने में एक नया घोंसला फिर से आकार पाने जा रहा था। मन अब व्यथित नहीं चकित व रोमांचित सा था। उस चिड़िया ने मुझे पल भर में उन तमाम आशंकाओं व चिंताओं से कुछ समय के लिए उबार सा दिया था, जो आने वाले कल से जुड़ी आशंकाओं व हताशाओं को लेकर थीं। लगा कि एक नन्ही चिड़िया ने जीवन को बड़ी दिशा दे दी थी।

😍प्रणय प्रभात😍
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कौन दिल का
कौन दिल का
Dr fauzia Naseem shad
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ आज का शेर....
■ आज का शेर....
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
# हमको नेता अब नवल मिले .....
# हमको नेता अब नवल मिले .....
Chinta netam " मन "
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुक्तक।
मुक्तक।
Pankaj sharma Tarun
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
शायद ये सांसे सिसक रही है
शायद ये सांसे सिसक रही है
Ram Krishan Rastogi
रंगो ने दिलाई पहचान
रंगो ने दिलाई पहचान
Nasib Sabharwal
दर्द।
दर्द।
Taj Mohammad
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
💐अज्ञात के प्रति-56💐
💐अज्ञात के प्रति-56💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन का लक्ष्य महान
जीवन का लक्ष्य महान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मां क्यों निष्ठुर?
मां क्यों निष्ठुर?
Saraswati Bajpai
खुशियाँ
खुशियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
पेंशन दे दो,
पेंशन दे दो,
मानक लाल मनु
शिमला
शिमला
Dr Parveen Thakur
मिट्टी को छोड़कर जाने लगा है
मिट्टी को छोड़कर जाने लगा है
कवि दीपक बवेजा
खूबसूरत है तेरा
खूबसूरत है तेरा
The_dk_poetry
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल   के जलेंगे
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल के जलेंगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ईश्वर ने दिया जिंन्दगी
ईश्वर ने दिया जिंन्दगी
Anamika Singh
इतने मधुर बनो जीवन में।
इतने मधुर बनो जीवन में।
लक्ष्मी सिंह
मनवा नाचन लागे
मनवा नाचन लागे
मनोज कर्ण
छींके में खीर(बाल कविता)
छींके में खीर(बाल कविता)
Ravi Prakash
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
महापंडित ठाकुर टीकाराम
महापंडित ठाकुर टीकाराम
श्रीहर्ष आचार्य
सरल जीवन
सरल जीवन
Brijesh Kumar
Loading...