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22 Dec 2022 · 1 min read

■ ईश्वरीय संकेत

👉 बीती रात, निकला दिन
【प्रणय प्रभात】
बीते 21 दिसंबर को खगोलीय स्थिति के अनुसार साल का एक अहम दिन था। खगोल-विज्ञानियों की गणना के अनुसार यह साल का सबसे छोटा दिन था। जबकि इसकी रात सबसे लंबी थी। हर साल की तरह इस साल भी यह हुआ। फिर भी अगले दिवस यानि 22 दिसंबर को दिन अपने समय पर उदित हुआ। यह याद दिलाने और बताने के लिए, कि एक लंबी रात के बाद भी सवेरा तो होना ही था। प्रकृति स्वरूप में ईश्वरीय संदेश एक सीधा सा संकेत था कि कोई रात लंबी भले ही हो, अंतहीन नहीं हो सकती। ना ही दिन को निकलने से रोक सकती है।
अभिप्रायः बस इतना है कि दुःख और विषाद के पलों में भी ख़ुशी व उल्लास को लेकर आशा और विश्वास बनाए रखें। यह मान कर कि जिस तरह हर रात का सुफल दिन है, उसी तरह दुःखों के आँचल में सुख भरे हो सकते हैं। परमसत्ता के ऐसे संदेश सभी के लिए हैं। यह और बात है कि कोई इसे ग्रहण कर लेता है। कोई अज्ञानतावश ऐसा नहीं कर पाता।

श्योपुर (मध्यप्रदेश)
8959493240

Language: Hindi
1 Like · 44 Views
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