Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2023 · 1 min read

■ आज तक की गणना के अनुसार।

■ आज तक की गणना के अनुसार।

1 Like · 190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नाइजीरिया
नाइजीरिया
Shashi Mahajan
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Neelam Sharma
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
Lokesh Sharma
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
Bindesh kumar jha
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr .Shweta sood 'Madhu'
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
4316.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Dead 🌹
Dead 🌹
Sampada
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
पूर्वार्थ
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
जो चाहते थे पा के भी तुम्हारा दिल खुशी नहीं।
जो चाहते थे पा के भी तुम्हारा दिल खुशी नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
Phool gufran
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
Ravikesh Jha
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
कृतघ्न अयोध्यावासी !
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
#शीर्षक-प्यार का शक्ल
#शीर्षक-प्यार का शक्ल
Pratibha Pandey
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
DrLakshman Jha Parimal
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
किसे कुछ काम नहीं रहता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमको भी ख़बर
हमको भी ख़बर
Dr fauzia Naseem shad
अनगिनत सवाल थे
अनगिनत सवाल थे
Chitra Bisht
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
तू बेखबर इतना भी ना हो
तू बेखबर इतना भी ना हो
gurudeenverma198
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
Loading...