Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 1 min read

■ आज की बात…

■ दो टूक…..
उजालों में साथ और अँधेरों में गुम। अगर ऐसे हो तुम, तो रहो अपनी बला से। हम धूप-छांव के खेल को भी समझते हैं और परछाइयों के छल को भी। यह सच आप भी समझ लें, तो बेहतर।।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 33 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
आलोचना
आलोचना
Shekhar Chandra Mitra
कविता क़िरदार है
कविता क़िरदार है
Satish Srijan
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
कोई आप सा
कोई आप सा
Chunnu Lal Gupta
मेरा अन्तर्मन
मेरा अन्तर्मन
Saraswati Bajpai
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
डॉ. दीपक मेवाती
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
gurudeenverma198
औरत
औरत
shabina. Naaz
संघर्ष
संघर्ष
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खोया हुआ वक़्त
खोया हुआ वक़्त
Sidhartha Mishra
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सीख बुद्ध से ज्ञान।
सीख बुद्ध से ज्ञान।
Buddha Prakash
गजल
गजल
Vijay kumar Pandey
प्रेम की चाहा
प्रेम की चाहा
RAKESH RAKESH
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
💐प्रेम कौतुक-327💐
💐प्रेम कौतुक-327💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवनामृत
जीवनामृत
Shyam Sundar Subramanian
तार वीणा का हृदय में
तार वीणा का हृदय में
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मुझको मेरा अगर पता मिलता
मुझको मेरा अगर पता मिलता
Dr fauzia Naseem shad
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
Ravi Prakash
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] भाग–7
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] भाग–7
Pravesh Shinde
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
# नमस्कार .....
# नमस्कार .....
Chinta netam " मन "
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
न दोस्ती है किसी से न आशनाई है
Shivkumar Bilagrami
मुफलिसों को जो भी हॅंसा पाया।
मुफलिसों को जो भी हॅंसा पाया।
सत्य कुमार प्रेमी
■ ज़रा_याद_करो_कुर्बानी
■ ज़रा_याद_करो_कुर्बानी
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
कवि दीपक बवेजा
आहट
आहट
Er Sanjay Shrivastava
Loading...