Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2022 · 1 min read

■ आज की ग़ज़ल-

#ग़ज़ल-
■ छटपटाने के लिए…!
【प्रणय प्रभात】
★ दो क़दम का फ़ासला है बस मिटाने के लिए।
एक काँधा चाहिए गर सर टिकाने के लिए।।

★ बन सके जो दूरियों को ख़त्म करने का सबब।
काश मिल जाए बहाना इक बहाने के लिए।।

★ फिर ख़ता कर के ज़हन ख़ामोश जा बैठा कहीं।
फिर से तन्हा रह गया दिल छटपटाने के लिए।।

★ सूखने पर आ गए हैं ज़ख़्म सारे रूह के।
वक़्त हो तो लौट आओ दूर जाने के लिए।।

★ अब तलक बस झूठ पर शैदा रही थी ज़िंदगी।
शुक्रिया ए वक़्त सच्चाई बताने के लिए।।

★ ये सुलगने में दहकने में रहा है मुब्तिला।
क्या ज़रूरत तीलियों की दिल जलाने के लिए।।

Language: Hindi
1 Like · 32 Views
You may also like:
पंडित जी
पंडित जी
सोनम राय
ਸਾਡੀ ਪ੍ਰੇਮ ਕਹਾਣੀ
ਸਾਡੀ ਪ੍ਰੇਮ ਕਹਾਣੀ
Surinder blackpen
दर्द कितने समेटे हैं
दर्द कितने समेटे हैं
Dr fauzia Naseem shad
- में अनाथ हु -
- में अनाथ हु -
bharat gehlot
ओस की बूँदें - नज़्म
ओस की बूँदें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"ये लालच"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन आनंद
जीवन आनंद
Shyam Sundar Subramanian
“पल भर के दीदार का कोई अर्थ नहीं।
“पल भर के दीदार का कोई अर्थ नहीं।
*Author प्रणय प्रभात*
सफलता की जननी त्याग
सफलता की जननी त्याग
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
होके रहेगा इंक़लाब
होके रहेगा इंक़लाब
Shekhar Chandra Mitra
तलाश
तलाश
Seema 'Tu hai na'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*
*"परिवर्तन नए पड़ाव की ओर"*
Shashi kala vyas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
आस पड़ोस का सब जानता है..
आस पड़ोस का सब जानता है..
कवि दीपक बवेजा
नियत समय संचालित होते...
नियत समय संचालित होते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या रखा है, वार (युद्ध) में?
क्या रखा है, वार (युद्ध) में?
Dushyant Kumar
अध्यापक क्या है!
अध्यापक क्या है!
Harsh Richhariya
आलिंगन हो जानें दो।
आलिंगन हो जानें दो।
Taj Mohammad
*चली सुकुमारी खोई (कुंडलिया)*
*चली सुकुमारी खोई (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
💐अज्ञात के प्रति-58💐
💐अज्ञात के प्रति-58💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Hero of your parents 🦸
Hero of your parents 🦸
ASHISH KUMAR SINGH
तुम्हारे सिवा भी बहुत है
तुम्हारे सिवा भी बहुत है
gurudeenverma198
धर्म बला है...?
धर्म बला है...?
मनोज कर्ण
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi
प्यार जताना न आया
प्यार जताना न आया
VINOD KUMAR CHAUHAN
सच्चाई लक्ष्मण रेखा की
सच्चाई लक्ष्मण रेखा की
AJAY AMITABH SUMAN
हाइकु: आहार।
हाइकु: आहार।
Prabhudayal Raniwal
अंजाम ए जिंदगी
अंजाम ए जिंदगी
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...