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11 Jan 2023 · 1 min read

■ आज का सबक़

■ समयानुकूल आचरण-
【प्रणय प्रभात】
संक्रमण काल में सीख लीजिए “कछुए” से। जो बाहरी कवच के बाद भी जीवन के प्रति बेपरवाह नहीं होता। प्रकृति संकेत देती है कि भले ही लाख भरोसा कीजिए अपने खोल पर, किंतु स्वयं को समेट लेने का हुनर मत भूलिए। अगर बाहरी परिवेश प्रतिकूल हो तो। यही समयानुकूल आचरण है, जो प्रतिकूल को अनुकूल बनाए न बनाए मगर आपको आपदा-काल से बचाने वाला हो सकता है।

Language: Hindi
1 Like · 39 Views
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