Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2022 · 1 min read

ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ

ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਮਿਲਣ ਲਈ ਤਰਸਦਾ ਹਾਂ।
ਰੋਜ਼ ਆਪਣੇ ਆਪ ਤੋਂ ਕੁਝ ਦੁਰ ਸਰਕਦਾ ਹਾਂ।

ਅੰਦਰ ਹੀ ਅੰਦਰ ਮੈਂ ਕਿਉਂ ਝੂਰਦਾ ਜਿਹਾ੍ ਰਹਾਂ
ਦਿਲ ਆਪਣੇ ਦੀ ਮੈਂ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਵੀ ਨਾ ਕਹਾਂ।

ਹਰ ਵੇਲੇ ਦੁਚਿੱਤੀ ‌ਵਿੱਚ ,ਡੋਰ ਭੋਰਾ ਫ਼ਿਰਦਾ ਹਾਂ
ਕੀ ਸਮਝਾਂ ਤੇ ਸਮਝਾਵਾਂ,ਸੋਚ ਵਿਚ ਘਿਰਦਾ ਹਾਂ।

ਏਨਾ ਮੈਂ ਉਲਝਿਆ, ਦੁਨੀਆਂ ਦਾਰੀ ਦੇ ਵਿੱਚ
ਫੋਕੀ ਟੌਹਰ ਬਣਾ ਬੈਠਾ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰੀ ਦੇ ਵਿੱਚ।

ਅੱਜ ਦੂਰ ਆਪਣੇ ਆਪ ਤੋਂ,ਇਕੱਲਾ ਸੋਚਦਾ ਹਾਂ
ਕਿਤੇ ਮਿਲਾਂ ਆਪਣੇ ਆਪਣੇ ਨੂੰ ਇਹੀ ਲੋਚਦਾ ਹਾਂ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੋਰ

Language: Punjabi
50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
Swati
पत्नी की प्रतिक्रिया
पत्नी की प्रतिक्रिया
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
सरकार
सरकार "सीटों" से बनती है
*Author प्रणय प्रभात*
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मन की आँखें खोल
मन की आँखें खोल
Kaushal Kumar Pandey आस
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बेरोजगारी।
बेरोजगारी।
Anil Mishra Prahari
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
तेरी यादों में लिखी कविताएं, सायरियां कितनी
Amit Pandey
तू इश्क, तू खूदा
तू इश्क, तू खूदा
लक्ष्मी सिंह
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
*हे महादेव आप दया के सागर है मैं विनती करती हूं कि मुझे क्षम
*हे महादेव आप दया के सागर है मैं विनती करती हूं कि मुझे क्षम
Shashi kala vyas
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
नव लेखिका
मौला के घर देर है पर,
मौला के घर देर है पर,
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-385💐
💐प्रेम कौतुक-385💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष
Dheerja Sharma
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
*चाय भगोने से बाहर यदि, आ जाए तो क्या कहने 【हास्य हिंदी गजल/
Ravi Prakash
चलो सत्य की राह में,
चलो सत्य की राह में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
2331.पूर्णिका
2331.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खुद को संभालो यारो
खुद को संभालो यारो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भगवा है पहचान हमारी
भगवा है पहचान हमारी
Dr. Pratibha Mahi
मारुति मं बालम जी मनैं
मारुति मं बालम जी मनैं
gurudeenverma198
मानसिक रोगों का उपचार संभव है
मानसिक रोगों का उपचार संभव है
Ms.Ankit Halke jha
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खता मंजूर नहीं ।
खता मंजूर नहीं ।
Buddha Prakash
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
इ इमली से
इ इमली से
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी आरज़ू है ये
मेरी आरज़ू है ये
shabina. Naaz
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
Loading...