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7 Nov 2021 · 1 min read

ਗੱਲ ਕੋਈ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ

****ਗੱਲ ਕੋਈ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ***
**************************

ਗੱਲ ਕੋਈ ਸਮਝ ਨਾ ਆਵੇ ਕੀ ਕਰਾਂ,
ਸੁਣ ਮੱਥੇ ਤਿਊੜੀ ਚੜ੍ਹ ਜਾਵੇ ਕੀ ਕਰਾਂ।

ਹੋ ਗਈ ਬੇਕਦਰੀ ਦੱਸ ਜੀਵਾਂ ਜਾ ਮਰਾਂ,
ਨਿੱਕਲ ਗਤੇ ਮੰਜੇ ਹੇਠੋਂ ਪਾਵੇ ਕੀ ਕਰਾਂ।

ਟੇਂਸ਼ਨ ਚ ਫੱਸ ਗਈ ਗੱਡੀ ਖੜੀ ਅੱਡੇ,
ਗੱਡੀ ਇਕ ਆਵੇ ਇਕ ਜਾਵੇ ਕੀ ਕਰਾਂ।

ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਚ ਯਾਰਾ ਮੇਰੇ ਖੱਡੇ ਹੀ ਖੱਡੇ,
ਕੋਈ ਹੱਲ ਨਜ਼ਰ ਨਾ ਆਵੇ ਕੀ ਕਰਾਂ।

ਮਨਸੀਰਤ ਮਨ ਮਾਰ ਮੁੱਕੀ ਹੀ ਜਾਂਦਾ,
ਮਰ ਜਾਵਾਂ ਖੜਾ ਹੀ ਥਾਂਵੇਂ ਕੀ ਕਰਾਂ।
**************************
ਸੁਖਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਨਸੀਰਤ
ਖੇੜੀ ਰਾਓ ਵਾਲੀ (ਕੈਥਲ)

Language: Punjabi
228 Views
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