Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2016 · 1 min read

*ज़िंदगी ने अब किया*

2122 2122 2122 212
फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

ज़िंदगी ने अब किया दिल को हमारे शाद है
फूल जैसी हर डगर से हो रहे आबाद है
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
प्रीत के ही सुर सजे हैं जग गये सपने सभी
उलझनें सारी मिटी ग़म भी हुआ नाशाद है
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
चाँदनी भी चाँद से अब तो फ़कत शरमा रही
उन सितारों में बसी सी इक सुहानी याद है
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
जग उजाला सा करें रोशन हुए वो दीप भी
साज है अंतर सजे अब बज रहा सा नाद है
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
हौंसले की जीत होती बात ये सबने कही
मंजिलें हैं वो मिली जिनसे बशर आबाद है
धर्मेन्द्र अरोड़ा

267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from धर्मेन्द्र अरोड़ा "मुसाफ़िर पानीपती"
View all
You may also like:
कभी-कभी / (नवगीत)
कभी-कभी / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिंदगी की तरह
जिंदगी की तरह
shabina. Naaz
दिवाली
दिवाली
Aditya Prakash
सफलता
सफलता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी सृष्टि निर्माता के रूप में
नारी सृष्टि निर्माता के रूप में
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
कभी हक़ किसी पर
कभी हक़ किसी पर
Dr fauzia Naseem shad
✍️ मिलाप...
✍️ मिलाप...
'अशांत' शेखर
रोता आसमां
रोता आसमां
Alok Saxena
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
💐अज्ञात के प्रति-88💐
💐अज्ञात के प्रति-88💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम हर गम छुपा लेते हैं।
हम हर गम छुपा लेते हैं।
Taj Mohammad
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
ईश्वर की परछाई
ईश्वर की परछाई
AMRESH KUMAR VERMA
*नियमानुसार कार्यवाही (लघु कथा)*
*नियमानुसार कार्यवाही (लघु कथा)*
Ravi Prakash
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
मानसिक जड़ता
मानसिक जड़ता
Shekhar Chandra Mitra
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
साथ अगर उनका होता
साथ अगर उनका होता
gurudeenverma198
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
नज़ारे स्वर्ग के लगते हैं
Neeraj Agarwal
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
वो खुलेआम फूल लिए फिरते हैं
कवि दीपक बवेजा
नशा मुक्त अनमोल जीवन
नशा मुक्त अनमोल जीवन
Anamika Singh
आँखों में प्यार बसाओ।
आँखों में प्यार बसाओ।
Buddha Prakash
2606.पूर्णिका
2606.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
■ आदिकाल से प्रचलित एक कारगर नुस्खा।।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...