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27 May 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

पेट जब गीत गुन गुनाता है
आदमी ज्ञान भूल जाता है

मुश्किलों से न यूँ डरो प्यारे
फूल काँटों में मुस्कुराता है

तन मन बिखेरता खुशबु
जिक्र उसका जो चला आता है

दुनियां को जीतने वाला
अपनों से हार जाता है

चलना तुम्हारी मर्जी है
विवेक तो रास्ता दिखाता है

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