Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

नंदन प्यारा था दुलारा था, सहारा न हुआ
मेरा खुद का ही जलाया दिया अपना न हुआ |

रौशनी फ़ैल गयी चारो तरफ लेकिन फिर
घर अँधेरा था अँधेरा है उजाला न हुआ |

देखते रह गए बेसुध नसे में मदिरा बिना
चाह कर भी उन्हें फ़रियाद सुनाना न हुआ |

दिल नहीं तुझको दिखा सकता जलाया तू ने
ख़ाक में मिल गया वो छार किसी का न हुआ |

निकले थे वज्म से बेआबरू होकर कभी वो
बेरुखी तेरी वजह थी कि दिवाना न हुआ |

सिर्फ मैं ही नहीं, हर एक दिवाना जो बना
दर्द तुमने दिया उसको तो भुलाना न हुआ |

याद करते थे सभी तुझको, दुलारी थी तू
दिल का अरमान हमारा कभी पूरा न हुआ |

कालीपद ‘प्रसाद’

235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from kalipad prasad
View all
You may also like:
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
[ कुण्डलिया]
[ कुण्डलिया]
शेख़ जाफ़र खान
आईने पर लिखे अशआर
आईने पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दूर की कौड़ी ~
दूर की कौड़ी ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
तस्वीर
तस्वीर
विशाल शुक्ल
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
हमें रामायण
हमें रामायण
Dr.Rashmi Mishra
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
की हरी नाम में सब कुछ समाया ,ओ बंदे तो बाहर क्या देखने गया,
Vandna thakur
जितना खुश होते है
जितना खुश होते है
Vishal babu (vishu)
💐अज्ञात के प्रति-83💐
💐अज्ञात के प्रति-83💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आलोचना
आलोचना
Shekhar Chandra Mitra
जीवन हमारा रैन बसेरा
जीवन हमारा रैन बसेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
"अधूरी कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
खुदाई भरी पड़ी है।
खुदाई भरी पड़ी है।
Taj Mohammad
आदि शक्ति माँ
आदि शक्ति माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
श्री भूकन शरण आर्य
श्री भूकन शरण आर्य
Ravi Prakash
■ बात बात में बन गया शेर। 😊
■ बात बात में बन गया शेर। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
ऊंची शिखर की उड़ान
ऊंची शिखर की उड़ान
AMRESH KUMAR VERMA
नन्ही भव्या
नन्ही भव्या
Shyam kumar kolare
नहीं उनकी बलि लो तुम
नहीं उनकी बलि लो तुम
gurudeenverma198
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
चम्पा पुष्प से भ्रमर क्यों दूर रहता है
चम्पा पुष्प से भ्रमर क्यों दूर रहता है
Subhash Singhai
Loading...