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22 Sep 2016 · 1 min read

ग़ज़ल

वक्त आया महज़ फैसला चाहिए
दुश्मनों से नहीं आँकड़ा चाहिए |

घर में घुस कर पढ़ाना सबक लाज़मी
लात के भूत को इंदिरा चाहिए |

क्रोध को रोकना अब नहीं, फटने दो
वीर हो धूर्त को मारना चाहिए |

धूर्त है पाक दल चौकसी से लड़ो
एक सर बदले दश काटना चाहिए |

नाश कर शत्रु दल अम्बिका पुत्र तुम
सिंह जस युद्ध में गर्जना चाहिए |

ध्यान दो मंत्री गण शक्ति दो सेना को
पाक को युद्ध में हारना चाहिए |

© कालीपद ‘प्रसाद’

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