Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र)

ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र)

कैसी सोच अपनी है किधर हम जा रहें यारों
गर कोई देखना चाहें बतन मेरे वह आ जाये

तिजोरी में भरा धन है मुरझाया सा बचपन है
ग़रीबी भुखमरी में क्यों जीबन बीतता जाये

ना करने का ही ज़ज्बा है ना बातों में ही दम दीखता
हर एक दल में सत्ता की जुगलबंदी नजर आये

कभी बाटाँ धर्म ने है ,कभी जाति में खोते हम
हमारे रह्नुमाओं का, असर हम पर नजर आये

ना खाने को ना पीने को ,ना दो पल चैन जीने को
ये कैसा तंत्र है यारों , ये जल्दी से गुजर जाये

ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र)
मदन मोहन सक्सेना

211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
****शिरोमणि****
****शिरोमणि****
प्रेमदास वसु सुरेखा
हमें क़िस्मत ने आज़माया है ।
हमें क़िस्मत ने आज़माया है ।
Dr fauzia Naseem shad
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
धन बल पर्याय
धन बल पर्याय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
खुशियों से भी चेहरे नम होते है।
खुशियों से भी चेहरे नम होते है।
Taj Mohammad
बाल कहानी- अधूरा सपना
बाल कहानी- अधूरा सपना
SHAMA PARVEEN
बहुजन पत्रकार
बहुजन पत्रकार
Shekhar Chandra Mitra
दिशाहीन
दिशाहीन
Shyam Sundar Subramanian
पिता
पिता
Meenakshi Nagar
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" PILLARS OF FRIENDSHIP "
DrLakshman Jha Parimal
लेखनी
लेखनी
Anamika Singh
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
याद तुम्हारी......।
याद तुम्हारी......।
Awadhesh Kumar Singh
प्रेम कविता
प्रेम कविता
Rashmi Sanjay
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
करती पुकार वसुंधरा.....
करती पुकार वसुंधरा.....
Kavita Chouhan
"भव्यता"
*Author प्रणय प्रभात*
मुस्कराता चेहरा
मुस्कराता चेहरा
shabina. Naaz
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
राज
राज
Neeraj Agarwal
बहुत हैं फायदे तुमको बतायेंगे मुहब्बत से।
बहुत हैं फायदे तुमको बतायेंगे मुहब्बत से।
सत्य कुमार प्रेमी
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
If your heart is
If your heart is
Vandana maurya
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
*दलबदलू माहौल है, दलबदलू यह दौर (कुंडलिया)*
*दलबदलू माहौल है, दलबदलू यह दौर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कैसा गीत लिखूं
कैसा गीत लिखूं
नवीन जोशी 'नवल'
ये आसमां ये दूर तलक सेहरा
ये आसमां ये दूर तलक सेहरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...