Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2016 · 1 min read

ग़ज़ल (निगाहों में बसी सूरत फिर उनको क्यों तलाशे है )

कुछ इस तरह से हमने अपनी जिंदगी गुजारी है
जीने की तमन्ना है न मौत हमको प्यारी है

लाचारी का दामन आज हमने थाम रक्खा है
उनसे किस तरह कह दें की उनकी सूरत प्यारी है

निगाहों में बसी सूरत फिर उनको क्यों तलाशे है
ना जाने ऐसा क्यों होता और कैसी बेकरारी है

बादल बेरुखी के दिखने पर भी क्यों मुहब्बत में
हमको ऐसा क्यों लगता की उनसे अपनी यारी है

परायी लगती दुनिया में गम अपने ही लगते हैं
आई अब मुहब्बत में सजा पाने की बारी है

ये सांसे ,जिंदगी और दिल सब कुछ तो पराया है
ब्याकुल अब मदन ये है की होती क्यों उधारी है

ग़ज़ल (निगाहों में बसी सूरत फिर उनको क्यों तलाशे है )
मदन मोहन सक्सेना

1 Like · 1 Comment · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3804.💐 *पूर्णिका* 💐
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुसाफिरखाना
मुसाफिरखाना
ओसमणी साहू 'ओश'
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
सवाल खुद में, फिर एक
सवाल खुद में, फिर एक
Dr fauzia Naseem shad
हर किसी में आम हो गयी है।
हर किसी में आम हो गयी है।
Taj Mohammad
“सत्य वचन”
“सत्य वचन”
Sandeep Kumar
चुनाव नियराइल
चुनाव नियराइल
आकाश महेशपुरी
बाल दिवस
बाल दिवस
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
घमंड
घमंड
Adha Deshwal
पुनर्आगमन
पुनर्आगमन
अंकित आजाद गुप्ता
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
[दुनिया : एक महफ़िल]
[दुनिया : एक महफ़िल]
*प्रणय*
20)”“गणतंत्र दिवस”
20)”“गणतंत्र दिवस”
Sapna Arora
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
Shashi kala vyas
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
डॉक्टर रागिनी
रक्तदान से डर क्यों?
रक्तदान से डर क्यों?
Sudhir srivastava
#सागरलंघन शेष अभी
#सागरलंघन शेष अभी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
Shravan singh
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी हमारी मातृभाषा --
हिंदी हमारी मातृभाषा --
Seema Garg
मैं
मैं
Shikha Mishra
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कितना करता जीव यह ,
कितना करता जीव यह ,
sushil sarna
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
अदब में रहें
अदब में रहें
अनिल कुमार निश्छल
Loading...