Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2019 · 1 min read

ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?

ग़ज़ल- गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?
□□□□□□□□□□□□□□
गुंडों में ऐसा क्या पाया लोगों ने?
संसद तक देखो पहुँचाया लोगों ने।

इतनी हिम्मत! मार रहे अब वोटर को!
बकरी को भी बाघ बनाया लोगों ने।

वे अस्मत तक लूट रहे हैं बहनों की,
पुष्पहार जिनको पहनाया लोगों ने।

सेवक देखो राजा बनकर बैठा है,
इतना सिर पर है बैठाया लोगों ने।

ज़ुल्म हजारों सहते लेकिन ज़ुल्मी को,
सबक नहीं “आकाश” सिखाया लोगों ने।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 30/07/2019

2 Likes · 359 Views

Books from आकाश महेशपुरी

You may also like:
💐प्रेम कौतुक-504💐
💐प्रेम कौतुक-504💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रात
रात
अंजनीत निज्जर
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सत्य कुमार प्रेमी
वाह-वाह की लूट है
वाह-वाह की लूट है
Dr. Sunita Singh
खून के बदले आजादी
खून के बदले आजादी
अनूप अम्बर
आँसू
आँसू
जगदीश लववंशी
स्वाद
स्वाद
Santosh Shrivastava
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
पहली दफा
पहली दफा
जय लगन कुमार हैप्पी
वक्त एक दिन हकीकत दिखा देता है।
वक्त एक दिन हकीकत दिखा देता है।
Taj Mohammad
उर्मिला के नयन
उर्मिला के नयन
Shiva Awasthi
जल
जल
Saraswati Bajpai
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा मुसाफिर
रामचरितमानस (मुक्तक)
रामचरितमानस (मुक्तक)
नीरज कुमार ' सरल'
*अर्बन नक्सल कलम (घनाक्षरी)*
*अर्बन नक्सल कलम (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
गुलाब के अलग हो जाने पर
गुलाब के अलग हो जाने पर
ruby kumari
मां
मां
Sushil chauhan
तुम्हारे बार बार रुठने पर भी
तुम्हारे बार बार रुठने पर भी
gurudeenverma198
"कलयुग का मानस"
Dr Meenu Poonia
🙏मॉं कात्यायनी🙏
🙏मॉं कात्यायनी🙏
पंकज कुमार कर्ण
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
रंग भी रंगीन होते है तुम्हे छूकर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इश्क़ का पिंजरा ( ग़ज़ल )
इश्क़ का पिंजरा ( ग़ज़ल )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मिले तो हम उनसे पहली बार
मिले तो हम उनसे पहली बार
DrLakshman Jha Parimal
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ डूब मरो...
■ डूब मरो...
*Author प्रणय प्रभात*
Rap song (1)
Rap song (1)
Nishant prakhar
बावरी बातें
बावरी बातें
Rashmi Sanjay
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
Prabhu Nath Chaturvedi
नशा - 1
नशा - 1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
निकम्मे नेता
निकम्मे नेता
Shekhar Chandra Mitra
Loading...