Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2016 · 1 min read

ग़ज़ल- हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया

ग़ज़ल- हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

प्यार का है मुझे आसरा मिल गया
जिन्दगी को नया रास्ता मिल गया

है यही जिन्दगी साथ हो हमसफर
हमसफर मिल गया तो खुदा मिल गया

आ गया मैं हसीँ जुल्फ की छाँव में
यार जैसे कि जीवन नया मिल गया

था कि सपना यही यार को देखते
पर यहाँ इश्क का फैसला मिल गया

प्यार कहते सभी आग की है नदी
एक ग़म का नया सिलसिला मिल गया

मौत “आकाश” आयी चली भी गयी
तू मिला जिन्दगी का पता मिल गया

– आकाश महेशपुरी

645 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नमस्ते! रीति भारत की,
नमस्ते! रीति भारत की,
Neelam Sharma
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
- जिंदगी का तमाशा बना दिया -
- जिंदगी का तमाशा बना दिया -
bharat gehlot
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
*कफन*
*कफन*
Vaishaligoel
सबका हो नया साल मुबारक
सबका हो नया साल मुबारक
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
हम सभी
हम सभी
Neeraj Agarwal
सपनों के गीत
सपनों के गीत
श्रीकृष्ण शुक्ल
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
है यह भी एक सत्य
है यह भी एक सत्य
उमा झा
कपट
कपट
Sanjay ' शून्य'
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Kanchan verma
एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
एक नज़्म _ सीने का दर्द मौत के सांचे में ढल गया ,
Neelofar Khan
हे ईश्वर
हे ईश्वर
sheema anmol
हे राम
हे राम
Sudhir srivastava
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
*एनी बेसेंट (गीत)*
*एनी बेसेंट (गीत)*
Ravi Prakash
सब ठीक है
सब ठीक है
पूर्वार्थ
होली पर दोहे
होली पर दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"जवाब"
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़भागिनी
बड़भागिनी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
दरख़्त
दरख़्त
Dr.Archannaa Mishraa
नसीब
नसीब
Minal Aggarwal
Loading...