उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
जीवन एक पुस्तक की तरह है अगले पन्ने पर क्या होगा, यह हमें पत
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अनुपस्थित रहने का सौंदर्य :
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
घने तिमिर में डूबी थी जब..
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'