Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2023 · 1 min read

ह्रदय की कसक

मन खिल उठता है जब आप साथ होते हो
या तब भी जब उपवन से गुज़रती हूं चुप चाप, बिना आपके आने की आस लिए।

जब आप पास भी ना हों और उम्मीद भी हो बहुत ज़्यादा आपके आने की,
या
फिर आप आयो तो
मगर चुपके से निकल जायो
कुछ पलों बाद
मोबाइल की एक रिंग बजने पर, यह कह कर कि काम बहुत ज़रूरी है,

ऐसे पलों की कसक बहुत होती है मन में,
जैसे अचानक कोई खंजर चुभ गया हो तन में।

मैंने सुना है तुम बहुत माहिर माने जाते हो
अपनी आर्गेनाइजेशन में,
सीखने सिखाने की तरकीबों में,
उस पल की कसक सहने की मुझे भी तो कोई तरकीब सिखा दो !!

अभी मैं ज़िंदा रहना चाहती हूँ कुछ रोज़ और,
तुम्हें कसम है तुम्हारे पहले वादे की,
तुम चले जाया करो,
पर
ऐसे पलों की कसक का कोई तो तोड़ बता दो !

डॉ राजीव
चंडीगढ़।

Language: Hindi
76 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.
You may also like:
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
जिन्दगी कागज़ की कश्ती।
Taj Mohammad
गांधी से परिचर्चा
गांधी से परिचर्चा
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
माँ
माँ
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
Ravi Prakash
*जन्म या बचपन में दाई मां या दाया,या माता पिता की छत्र छाया
*जन्म या बचपन में दाई मां या दाया,या माता पिता की छत्र छाया
Shashi kala vyas
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er Sanjay Shrivastava
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-553💐
💐प्रेम कौतुक-553💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
महफ़िल में गीत नहीं गाता
महफ़िल में गीत नहीं गाता
Satish Srijan
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
डी. के. निवातिया
"साड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
आपकी कशिश
आपकी कशिश
Surya Barman
#मेरी_ग़ज़ल
#मेरी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
लोकतंत्र में शक्ति
लोकतंत्र में शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"आकुलता"- गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सबके हाथ में तराजू है ।
सबके हाथ में तराजू है ।
Ashwini sharma
रास्ता गलत था फिर भी मिलो तब चले आए
रास्ता गलत था फिर भी मिलो तब चले आए
कवि दीपक बवेजा
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सोच एक थी, दिल एक था, जान एक थी,
सोच एक थी, दिल एक था, जान एक थी,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
पहचान
पहचान
Seema gupta,Alwar
सिया राम विरह वेदना
सिया राम विरह वेदना
Er.Navaneet R Shandily
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
नारा पंजाबियत का, बादल का अंदाज़
नारा पंजाबियत का, बादल का अंदाज़
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रूठना मनाना
रूठना मनाना
Aman Kumar Holy
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
काँटों के बग़ैर
काँटों के बग़ैर
Vishal babu (vishu)
Loading...