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7 Aug 2016 · 1 min read

हैरत है,,,,

हैरत है,वो खून की बातें करते हैं,
जो अक्सर कानून की बातें करते हैं,

जिनकी जेबें अक्सर ख़ाली रहती हैं,
जाने क्यूँ क़ारून की बातें करते हैं,

अपनी गलियों का भी जिनको इल्म नहीं,
देखो वो रंगून की बातें करते हैं,

कब से मौसम सर्द पड़ा है मिलने का,
और वो हैं के जून की बातें करते हैं,

दिल की दुनिया बिग बाज़ार में रहती है,
वो मुझ से परचून की बातें करते हैं,

—–//अशफ़ाक़ रशीद.

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