हे माय मिथिला
हे माय मिथिला
अब कारीगर तोरा सँ विदा ल रहल
हे माँ मिथिला करबद्ध प्रणाम .
तोहर अपने मैथिल संतान सभ
तोरा करेजा के कुट्टी कुट्टी कटलकउ?
हे माय तूँ त सबदिन हक्कन काने
मुदा अकादमी पुरस्कार मे तोहर बोली लगाबै?
अपने मिथिलाक लोक तमाशा देखतऔ आ
जातिवादी अग्गिलग्गी मे तोरा झरकेतऔ?
एक बेर तोहि कह हे माय मिथिला ,
की तोहर एहेन दुर्गति, देखि सकब हम कहियो?
कवि- किशन कारीगर
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