Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2016 · 1 min read

हृदयाभास

मुक्तक
आँख के पथ पद हृदय में धर रहा कोई।
प्रेम का संचार मन में कर रहा कोई।
नव उमंगे भर रही रोमांच तन मन में।
नम्रता से पूर्ण नभ सा भर रहा कोई।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 404 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
View all
You may also like:
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
Suryakant Dwivedi
झूठ बोल नहीं सकते हैं
झूठ बोल नहीं सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
नाइजीरिया में हिंदी
नाइजीरिया में हिंदी
Shashi Mahajan
ज़िंदगी के मर्म
ज़िंदगी के मर्म
Shyam Sundar Subramanian
जवानी
जवानी
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
भूख न देखे भूजल भात।
भूख न देखे भूजल भात।
Rj Anand Prajapati
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
Let's Fight
Let's Fight
Otteri Selvakumar
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
" सोहबत "
Dr. Kishan tandon kranti
😢हे मां माता जी😢
😢हे मां माता जी😢
*प्रणय प्रभात*
2442.पूर्णिका
2442.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
Rashmi Ranjan
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
दोस्तों
दोस्तों
Sunil Maheshwari
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
किसी नदी के मुहाने पर
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दिल की आवाज़
दिल की आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
Loading...