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27 May 2016 · 1 min read

हुस्न का रंग हम पर बरसने भी दो

हुस्न का रंग हम पर बरसने भी दो,
फूल खिलने से पहले बिखर जाए ना ।
प्यार के बादलों को बरसने भी दो,
ये मोहब्बत का मौसम गुजर जाए ना ।
हुस्न का रंग…………….
वो क्या मौसम थे अपने मिलन के सनम,
हम बुलाते जिधर तुम आ जाते उधर ।
अब वो मौसम नही वो मिलन भी नही ,
हम अकेले इधर तुम अकेले उधर ।
है खुदा से गुजारिश यही अब सनम,
हम मिलें रात को और सहर आए ना ।
हुस्न का रंग…………….
जब भी याद आई हमको तुम्हारी हँसी ,
हम भी हँसते रहे और हँसाते रहे ।
जब भी याद आए आँसू तुम्हारे हमें,
हम भी चुपके से आँसू बहाते रहे ।
कट सके जो सफर बिन तुम्हारे सनम,
मेरे जीवन में ऐसा सफर आए ना
हुस्न का रंग…………….
तुम को दिल के सिवा क्या करूँ मैं अता,
प्रेम ही मेरी पूँजी तुम्हे है पता ।
तुमको देखूँ तो पलके झपकती नही ,
दिल को कैसे सँभालें हमे दो बता ।
अब जुदाई के बारे में सोचो न तुम ,
यूँ ही हँसते हुए आँख भर आए ना ।
हुस्न का रंग…………….
By : मुकेश पाण्डेय

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 380 Views
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