हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,

हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
हौसला हो बुलंद तो पैदल ही चल सकता है वो,
जिद पर जो अड़ा है उससे मत उलझना यार….,
अब आंधियों का भी रुख बदल सकता है वो…!
कवि दीपक सरल
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
हौसला हो बुलंद तो पैदल ही चल सकता है वो,
जिद पर जो अड़ा है उससे मत उलझना यार….,
अब आंधियों का भी रुख बदल सकता है वो…!
कवि दीपक सरल