Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर

हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर मिलेगी, प्रयत्न और पुरुषार्थ सीखना है तो चींटी से सीखो, चींटी अपने से पांच गुना ज़्यादा वजन लेकर दस बार दीवार पर चढ़ती है, गिरती है, मगर हिम्मत नहीं खोती है, ग्यारहवीं बार फिर कोशिश करती है और सफल हो जाती है। संघर्ष कीजिए, कोशिश कीजिए, एक न एक दिन सफलता ज़रूर मिलेगी। सब्र, समय और अथक परिश्रम ने बड़े-बड़े पहाड़ चकनाचूर कर दिए है। कहा भी गया है-“उद्यमेन ही सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथै:”

87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Nitesh Shah
View all

You may also like these posts

प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
शब्दों की चाहत है हृदय में उनके,
शब्दों की चाहत है हृदय में उनके,
श्याम सांवरा
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
तुम
तुम
Rekha khichi
पेड़ चुपचाप आँसू बहाते रहे
पेड़ चुपचाप आँसू बहाते रहे
Dr Archana Gupta
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
देर
देर
P S Dhami
4507.*पूर्णिका*
4507.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जरूरी है
जरूरी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
DrLakshman Jha Parimal
" पीरियड "
Dr. Kishan tandon kranti
हो जाता अहसास
हो जाता अहसास
surenderpal vaidya
राधे राधे बोल
राधे राधे बोल
Shailendra Aseem
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
gurudeenverma198
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
"बस तेरे खातिर"
ओसमणी साहू 'ओश'
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
वंदनीय हैं मात-पिता, बतलाते श्री गणेश जी (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
Bindesh kumar jha
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
जब हम निर्णय लेते हैं और हम जो अभी हैं उससे बेहतर बनने का प्
जब हम निर्णय लेते हैं और हम जो अभी हैं उससे बेहतर बनने का प्
ललकार भारद्वाज
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शोर से मौन को
शोर से मौन को
Dr fauzia Naseem shad
#ऐसे_समझिए…
#ऐसे_समझिए…
*प्रणय*
कर्मफल का सिद्धांत
कर्मफल का सिद्धांत
मनोज कर्ण
*....आज का दिन*
*....आज का दिन*
Naushaba Suriya
Loading...