Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2022 · 1 min read

*हिंदी (कुंडलिया)*

*हिंदी (कुंडलिया)*
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
आजादी का अर्थ है , हिंदी हिंदुस्तान
हिंदी में आत्मीयता ,अपनेपन का भान
अपनेपन का भान ,सहज इसमें बतियाते
इसमें चिंतन-भाव, तैरकर मानो आते
कहते रवि कविराय , हटे अंग्रेजी लादी
तब होंगे स्वाधीन, मिलेगी तब आजादी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

65 Views

Books from Ravi Prakash

You may also like:
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कवि दीपक बवेजा
उम्मीदें
उम्मीदें
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-126💐
💐अज्ञात के प्रति-126💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ विश्लेषण / परिणामो का...
■ विश्लेषण / परिणामो का...
*Author प्रणय प्रभात*
बूझो तो जानें (मुक्तक)
बूझो तो जानें (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
ऐसे इंसानों से नहीं कोई फायदा
ऐसे इंसानों से नहीं कोई फायदा
gurudeenverma198
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी, सफलता
सारी गलतियां ख़ुद करके सीखोगे तो जिंदगी कम पड़ जाएगी,...
dks.lhp
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
दुनिया में क्यों दुख ही दुख है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शिक्षित बेटियां मजबूत समाज
शिक्षित बेटियां मजबूत समाज
श्याम सिंह बिष्ट
इन पैरो तले गुजरता रहा वो रास्ता आहिस्ता आहिस्ता
इन पैरो तले गुजरता रहा वो रास्ता आहिस्ता आहिस्ता
'अशांत' शेखर
दोहावली...
दोहावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ये हवा ये मौसम ये रुत मस्तानी है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अपने ही शहर में बेगाने हम
अपने ही शहर में बेगाने हम
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
कौन पहचान खुद को पाता है
कौन पहचान खुद को पाता है
Dr fauzia Naseem shad
नैनों की भाषा
नैनों की भाषा
Surya Barman
" जाड्डडो आगयो"
Dr Meenu Poonia
मदार चौक
मदार चौक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
लाज-लेहाज
लाज-लेहाज
Anil Jha
वक्त एक हकीकत
वक्त एक हकीकत
umesh mehra
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
वरदान दो माँ
वरदान दो माँ
Saraswati Bajpai
दिवाली है
दिवाली है
शेख़ जाफ़र खान
खुशी का नया साल
खुशी का नया साल
shabina. Naaz
खंड: 1
खंड: 1
Rambali Mishra
कब बरसोगें
कब बरसोगें
Swami Ganganiya
*पुराने जमाने में  सर्राफे  की दुकान पर
*पुराने जमाने में सर्राफे की दुकान पर "परिवर्तन तालिका" नामक...
Ravi Prakash
आंखों के दपर्ण में
आंखों के दपर्ण में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿🍀
subhash Rahat Barelvi
Loading...