Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2023 · 1 min read

हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।

हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
बिजलियां गिराकर मौहब्बत की शम्मा जलती हैं
खुशबू ए आती है शर्मो-हया की उस दम ।
जब बहनें हिजाब पहनकर घर से निकलती हैं।

Phool gufran

195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

खतरनाक आदमी
खतरनाक आदमी
Dr MusafiR BaithA
*Childhood Return*
*Childhood Return*
Veneeta Narula
मरूधरां
मरूधरां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
तब मानूँगा फुर्सत है
तब मानूँगा फुर्सत है
Sanjay Narayan
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
2689.*पूर्णिका*
2689.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
इजहारे मोहब्बत
इजहारे मोहब्बत
Vibha Jain
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
पुनर्आगमन
पुनर्आगमन
अंकित आजाद गुप्ता
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
ok9 là một trong những sân chơi trực tuyến hàng đầu, được đô
ok9 là một trong những sân chơi trực tuyến hàng đầu, được đô
9ok9 net
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
बेकरार दिल
बेकरार दिल
Ritu Asooja
गज़ल
गज़ल
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
बैठ सम्मुख शीशे के, सखी आज ऐसा श्रृंगार करो...
Niharika Verma
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
VINOD CHAUHAN
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
Neeraj Agarwal
मिटा लो दिल से दिल की दूरियां,
मिटा लो दिल से दिल की दूरियां,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
युवा है हम
युवा है हम
Pratibha Pandey
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
आर.एस. 'प्रीतम'
किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसी
किसी भी क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसी
पूर्वार्थ
एतबार
एतबार
Davina Amar Thakral
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
Loading...