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24 Aug 2022 · 1 min read

हाँ, यह विदाई बहुत अच्छी है

गम यह नहीं है कि,
मेरी विदाई हो रही है,
उदास इसलिए हूँ कि,
मेरी यह विदाई खास,
बहुत पहले हो चुकी होती,
यह खटास पहले ही हो जाती।

बहा रहा हूँ ऑंसू मैं,
इस विदाई इसलिए,
उन दिनों को यादकर,
जो गुजारे थे हमने कभी,
एक साथ बैठकर हंसकर,
देखे थे जो सपनें हमने,
एक साथ मिलकर।

खास लगा दिया होता मुझ पर,
यह आरोप तब ही जब,
हम मिले थे और दोस्त बने थे,
कम से कम तब यह दिल,
इस प्रकार टूटता तो नहीं,
इस प्रकार लोग हंसते नहीं।

बर्बाद और बदनाम तो ऐसे,
हम नहीं होते दुनिया में आज,
अब भी क्या करते हो उम्मीद,
मुझसे तुम पाने को इज्जत,
लेकिन सुधर तो जायेगा कल,
तेरा – मेरा भविष्य इस विदाई से,
हाँ, यह विदाई बहुत अच्छी है।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: कविता
74 Views
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