Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

हर शब्द सिद्धांत

शब्द हर एक वाक्य को सिद्धांत माना जाएगा,
इसलिए तुम सोचो समझो और बोलो बात को।।

कल तुम्हारे बोल होंगे हर जुबां हर गीत में।
ये नियम आदर्श शामिल होंगे जग की रीत में।
जो कहोगे आज वह सौगात माना जाएगा,
इसलिए तुम सोचो समझो और बोलो बात को।

कुछ तुम्हारी बात से फूले समाएंगे नहीं।
कुछ तुम्हारी बात की पीड़ा भुलायेंगे नहीं।
तब तुम्हें उन्माद का उत्पात माना जाएगा,
इसलिए तुम सोचो समझो और बोलो बात को।

बात ऐसी बोलिये मत चोट हो सम्मान में।
कब कहाँ क्या बोलना है यह रखो संज्ञान में।
जो दिलों को जीत ले जज़्बात माना जाएगा,
इसलिए तुम सोचो समझो और बोलो बात को।

संतोष बरमैया जय

1 Like · 92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संतोष बरमैया जय
View all

You may also like these posts

खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
गांवों के इन घरों को खोकर क्या पाया हमने,
गांवों के इन घरों को खोकर क्या पाया हमने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Panna mai zindgi ka agar fir se palatu
Panna mai zindgi ka agar fir se palatu
Vinay Pathak
3042.*पूर्णिका*
3042.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
सफर
सफर
Ritu Asooja
" जुनून "
Dr. Kishan tandon kranti
"अनुरोध"
DrLakshman Jha Parimal
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ये कटेगा
ये कटेगा
शेखर सिंह
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
छोटी छोटी बातें  ...
छोटी छोटी बातें ...
sushil sarna
आम की गुठली
आम की गुठली
Seema gupta,Alwar
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
Phool gufran
पवित्रता
पवित्रता
Rambali Mishra
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
तेरा मेरा नाता
तेरा मेरा नाता
Akash RC Sharma
जो आयीं तुम..
जो आयीं तुम..
हिमांशु Kulshrestha
रावण बनना भी  कहाँ आसान....
रावण बनना भी कहाँ आसान....
Shubham Pandey (S P)
आज फिर मुझे गुजरा ज़माना याद आ गया
आज फिर मुझे गुजरा ज़माना याद आ गया
Jyoti Roshni
बेटियां
बेटियां
Mukesh Kumar Sonkar
मैं क्या हूं?
मैं क्या हूं?
Priya Maithil
सिफ़र
सिफ़र
Mamta Rani
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
Neelofar Khan
में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
पूर्वार्थ
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
Annu Gurjar
कुछ मुक्तक
कुछ मुक्तक
Dr.Pratibha Prakash
गुण -
गुण -
Raju Gajbhiye
जीने केक् बहाने
जीने केक् बहाने
Sudhir srivastava
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
Loading...