Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।

हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
फिर बैठ सबके अंदर षड्यंत्र वो रचता है।।
हर दिन किसी सीता का अपहरण हो जाता है।
हम देख के रोते हैं वो देख कर हँसता है।।

ये सिलसिला सदियों से चलता है और चलेगा।
जब तक छुपा है दिल में तब तक नहीं जलेगा।।
जिस दिन तुम अपने अंदर के रावण को मार दोगे ।
उस दिन हो शुभ दशहरा रावण भी ना बचेगा।।
“कश्यप”

3 Likes · 2 Comments · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वो रिश्ते
वो रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
मुंगेरी तो मर गया, देख देख कर ख़्वाब।
मुंगेरी तो मर गया, देख देख कर ख़्वाब।
Suryakant Dwivedi
यह सावन क्यों आता है
यह सावन क्यों आता है
gurudeenverma198
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पिंगल प्रसाद पाकर नवीन छंद सूत्रों की खोज मेरे जीवन की अमूल्
पिंगल प्रसाद पाकर नवीन छंद सूत्रों की खोज मेरे जीवन की अमूल्
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आवश्यक मतदान है
आवश्यक मतदान है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
क्या गजब बात
क्या गजब बात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नया साल
नया साल
Dr Archana Gupta
शीर्षक -आँखों का काजल!
शीर्षक -आँखों का काजल!
Sushma Singh
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये कैसे रिश्ते है
ये कैसे रिश्ते है
shabina. Naaz
मेरी बेटी बड़ी हो गई,
मेरी बेटी बड़ी हो गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संगीत
संगीत
Vedha Singh
🙅एक ही राय🙅
🙅एक ही राय🙅
*प्रणय*
नशा छोडो
नशा छोडो
Rajesh Kumar Kaurav
मातृ दिवस पर दोहे
मातृ दिवस पर दोहे
RAMESH SHARMA
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
"अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
"अनुत्तरित"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल के किसी कोने में
दिल के किसी कोने में
Chitra Bisht
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
पूर्वार्थ
दिल बचपन
दिल बचपन
Ashwini sharma
घूंट कड़वा ही सही हमदम तेरे इश्क का,
घूंट कड़वा ही सही हमदम तेरे इश्क का,
श्याम सांवरा
I thought you're twist to what I knew about people of modern
I thought you're twist to what I knew about people of modern
Chaahat
एक दिन सब ठीक हो जाएगा का इंतजार करते-करते आधी उम्र बीत गई प
एक दिन सब ठीक हो जाएगा का इंतजार करते-करते आधी उम्र बीत गई प
Ritesh Deo
💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖
💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖🌹💖
Neelofar Khan
Loading...