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25 Apr 2020 · 1 min read

((((हम शायर हैं))))

हर दिन हर बात पे लिखेंगे,
हम शायर है हर रात पे लिखेंगे.

कोई दर्द हो खुशी हो या कितने ही गम सही,
हम रोयेंगे,हसेंगे,हर एहसास पे लिखेंगे।

कुछ अधूरे कुछ पूरे,कुछ टूटे बिखरे,
तन्हाइयों के किनारे बैठ,हर जज़्बात पे लिखेंगे।

ये धरती आसमान, ये घर ये मकान,
ये चमकती धूप गहरी छाँव,
पैरों के हेठ रख कांटों की बारात पे लिखेंगे.

वो टूटते तारे,गगन किनारे,रोशन जुगनू उड़ते बनजारे,
मद्धम सी रोशनी मे सब चाँद पे लिखेंगे।

भीगी हवा दरिया की धार,पर्वतों का आँचल,वादियों की बहार,बादलों संग बरसात,हर प्यास पे लिखेंगे।

हर जीत हर हार,हर कमजोर हर खास,वो जशन,
वो मायूसी की सौगात पे लिखेंगे।

उसका दीदार,शरमाना,इतराना,उसका नखरे संग होंठों को दबाना,इशारों ही इशारों में आँखों से आँखों की मुलाक़ात पे लिखेंगे।

मेरी शान मेरी जान,मेरा वतन मेरा हिंदुस्तान,हर मुकाम पे लिखेंगे,हम चूम के इस देश की मिट्टी तिरंगे को आसमान पे लिखेंगे।

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 2 Comments · 270 Views
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