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11 Sep 2022 · 1 min read

हम मुस्कुराकर बड़े ही शौक से दे देंगे।

खुदा की खुदाई तो बस खुदा ही जानें।
मुस्तकबिल की बात कोई इंसा क्या जानें।।1।।

हम मुस्कुराकर बड़े ही शौक से दे देंगे।
गर मुहब्बत से हमसे कोई हमारी जां मांगें।।2।।

दो चार सिपारे पढ़कर अदीब बन गए हैं।
मजहब की गहराई इनमें से कोई ना जानें।।3।।

कल तक जां छिड़कते बनकर महबूब।
आज वही हमसे मोहब्बत का शिला मांगे।।4।।

तुमने अपने दिलसे तो हमको भुला दिया है।
पर मिटा ना पाओगे खुदसे हमारे निशां सारे।।5।।

इन दंगों ने ले ली जाने कितनी जिंदगियां।
नफ़रत की आग में जल गए देखो मकां सारे।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

4 Likes · 7 Comments · 87 Views
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