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9 Sep 2023 · 1 min read

हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,

हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
इसीलिए हर ग़म-ए-ताबीर को भूलाएं चलें।

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