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8 Feb 2022 · 2 min read

हम तो मतदान करेंगे…!

हम तो मतदान करेंगे…!
~~°~~°~~°
देखो यदि कतारबद्ध मतदाताओं की ,
लंबी पंक्तियाँ खड़ी है ।
सोचो फिर यहाँ ,
लोकतंत्र के महापर्व की खूबियाँ भरी है ।

लंबी-लंबी पंक्तियाँ देख ,
मतदाता कभी घबराना ना तुम।
लंबी पंक्तियाँ देख लौट आना ही तो ,
कमजोरियाँ तेरी है ।

ऐसा मत सोचो कभी मन में कि,
कोई सत्ता में आएगा, हमें क्या पड़ी हैं।
तेरे अनमनेपन से ही तो,
देश आज इस नाजुक मोड़ पर खड़ी है।

यूँ ही नहीं कोई फायदा उठाता रहा है ,
हमें जात-पात में उलझाकर ।
सत्ता पाने की चाहत,तो सदा से ही ,
भीड़ पर जा टिकी है ।

तेरे पसीने की कमाई ,
कोई और न खाने पाए ।
तेरे अस्तित्व की लड़ाई ,
यूँ ही व्यर्थ न जाने पाए।
घर-घर से मतदान करें सब ,
ये तो लेना ही होगा ही,अब प्रण।

तेरे जज्बे को क्या मिटा पाएगा,
झुलसती गर्मी या ठिठुरता बदन।
तब ही तो होश में आएगा हर शत्रु ,
जब जोश हो मन में ,
और चेहरे पर, न हो कोई शिकन।

सदा याद रखो ,
सत्ता कभी भी प्राप्त नहीं की जाती है।
वो तो बस छिनी जाती है।
निठल्ले हाथों से ,
सत्तालोलुप समर्थ कदमों तक ,
चाहे जो हो जाए,इस खेल में दफन।

कह दो अब धरती आसमाँ से ,
चिल्ला के इसी वक्त ।
जिंदगी हार भी जाएं यदि ,
कतार में खड़े, हांफते-हांफते ।
पर हम तो मतदान करेंगे ,
चाहे पहन ले जो कफन ।

हम तो मतदान करेंगे…!
चाहे पहन ले जो कफन…

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०८ /०२/ २०२२
माघ, शुक्ल पक्ष , अष्टमी ,मंगलवार
विक्रम संवत २०७८
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
Tag: कविता
4 Likes · 2 Comments · 747 Views
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