*हमेशा खून के रिश्ते की, आहट याद आएगी (हिंदी गजल/गीतिका)*

*हमेशा खून के रिश्ते की, आहट याद आएगी (हिंदी गजल/गीतिका)*
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1
भुला दो सौ बरस फिर भी, लिखावट याद आएगी
हमेशा खून के रिश्ते की, आहट याद आएगी
2
किसी का दिल दुखा कर, चैन से सो कैसे पाओगे
हमेशा स्वप्न में वह, छटपटाहट याद आएगी
3
जहॉं भी बात होगी, काव्य में जन-मन लुभाने की
चयन शब्दों का, तुलसी की कसावट याद आएगी
4
बरसने को तो सावन और भादो भी बरसते हैं
मगर शुभ माघ में बरसी, महावट याद आएगी
5
मिला था प्यार पहला जो, जवानी के शुरू दिन में
हुए बूढ़े, मगर वह मुस्कुराहट याद आएगी
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महावट = माघ मास में होने वाली वर्षा जो जाड़ों में पड़ती है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451